बाल विवाह

महिला शिक्षा में सावित्री बाई फूले का योगदान

सावित्री बाई फुले का जन्म आज ही के दिन (3 जनवरी 1831) में महाराष्ट्र में हुआ था,उनका जन्म उस समय हुआ जब भारत में सभी औरतों के लिए बड़े कड़े नियम थे और उस दौर में बाल विवाह ,सती प्रथा, बालिका भ्रूण हत्या आदि कुरीतियां समाज में उपस्थित थीं। इन सभी में विधवा महिलाओं को स्थिति सबसे नाजुक थी, क्यूंकि बाल विवाह के कारण बहुत बार ऐसा होता था कि जब लड़की 2-3 वर्ष की होती तभी उसके पति का देहांत हो जाता और वो फिर तभी से विधवा हो जाती और सारी उम्र विधवा के रूप में बीताती, विधवाओं को समाज में कोई सम्मान से नहीं देखता था, बेवसी में उनके परिवार वाले ही उन बच्चियों का नाजायज फायदा उठाते, अनेकों बार तो गर्भ पति विधवाओं को आत्महत्या करनी पड़ती या उन्हें ऐसा करने को मजबूर किया जाता।

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